एसिडिटी : लक्षण और कारण
एसिडिटी क्या है।
एसिडिटी एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रन्थियों द्वारा उत्पादित होता है। अमलता पेट, गैसट्रिक सूजन, दिल की धडकन, और डिसपसीसिया में अल्सर जैसे धर्षण पैदा करती है। यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक, खेल या गतिविधि की कमी, शराब की खपत, ध्रुमपान, तनाव, फड आहार और खराब खाने की आदतों जैसे कई कारको के कारण होता है। लोग उन जगहो पद एसिडिटी विकसीत करने में अधिक प्रवण होते है। जहां लोग अधिक शाकाहारी, मसालेदार और तेल के भोजन का उपभोग करते है। एनएसएआईडी जैसी कई दवाऐं गैसट्रिक अमलता विकसीत करने में एक व्यक्ति को अधिक संवेदशील बना सकती है। एक भारी भोजन लेने के बाद अमलता को गहरी जलती हुई सनसनी की विशेषता है। एसिडिटी वाले लोगों में अपचन और कब्ज भी आम है। यह घरेलू उपचार या एंटासिड का उपभोग करके और स्वस्थ कार्यान्वयन से ठीक हो सकता है। एंटोसटजिम के रुप में जाना जाने वाला एक तकनीक एसिड भाटा से भी बहुत राहत प्रदान करता है। अमलता के सामान्य लक्षणो में पेट और गले में मुँह , कब्ज, बैचेनी और जलने की उत्तेजना मे अपचन, मतली खटटा स्वाद शामिल है।
एसिडिटी का क्या कारण होता है?
हमारा पेट आमतौर पर गैसट्रिक एसिड पैदा करता है। इन एसिड के संकारक प्रभाव परोसटागलैडिन और प्राकृतिक बाईकार्बोनेट के संतुलित होते है जो शलेषम अक्सर गुप्त होंते है। यह पेट की अस्तर को नुक्सान पहुँचाता है और एसिडिटी का कारण बनता है। अन्य कारक जो एसिडिटी का कारण बनते है उनमे निम्नलिखित शामिल है:
– मांसाहारी और मसालेदार खाद्य प्रदार्थो का उपभोग करना
– अत्याधिक तनाव
– बहुत अधिक शराब का उपभोग
– अक्सर ध्रुमपान
– पेट के टयूमर, गैसट्रोसोफेजयिल रीफलैक्स रोग और पेप्टीक अल्सर जैसे पेट के विकार
एसिडिटी के लिए उपचार:
एलयूमीनियम, कैलषीयम या मैगनीशीयम युक्त एंटीसडि का उपभोग करके एसिडिटी ठीक हो सकती है। कभी कभी नींद से पहले भोजन लेने से एसिडिटी भी हो सकती है। यह पेट के एजांदमो को आपके एसौफेगस वा वापस जाने और एसिड भाटा का कारण बनने के लिए उत्तेजीत करता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
लक्षण:-
– पेट में जलन
– गले मे जलन
– खटटी डकार
एसिडिटी का आयुर्वेदिक ईलाज कैसे किया जाता हैं?
प्राकृति में अनेको ऐसी जडी बूटियाँ हैं जोकि एसिडिटी की समस्या को खत्म करने में सक्षम है जैसे कि हरण, बहेडा, आँवला, सौंफ, अजवाइन, पपीते का बीज । शेख पाचन चूर्ण में इन्ही जडी बुटियों का अदभूत संगम है। इसके सेवन के 7 दिन के अंतराल में ही एसिडिटी में आराम होना षुरु हो जाता है और 2 महीने मे समस्या जड से खत्म हों जाती है।
क्या कोई भी दुष्प्रभाव है?
एसिडिटी के लिये उपचार दो तरह के हैं एलोपैथिक और आयुर्वेदिक।
एलोपैथिक उपचार के दुश्प्रभाव हो सकते है जैसे की मौखिक दवा से कब्ज, गैस, खट्टी डकारें, अनिद्रा, सरदर्द, पेटदर्द, पेट में जलन, भूख न लगना, आँव व बवासीर आदि में परिवर्तन हो सकता है। आयुर्वेदिक ईलाज प्राकृतिक जडी बूटियों द्वारा किया जाता है और यह सर्व मान्य है कि आयुर्वेदा के दुष्परिणाम नहीं है।
उपचार के दिशा निर्देश क्या है?
उपचार के साथ कुछ परहेज भी अति आवश्यक हैं
1. खटटे फलो व भोजन का परहेज करें।
2. तला भोजन न करें।
3. ध्रुमपान, शराब एवं किसी भी नशीले प्रदार्थ का सेवन न करें।
4. नियमित व्यायाम करें व रोजाना खाना खाने के बाद पैदल अवश्य चलें ।
5. रात को खाना खाने के तुरन्त बाद न सोयें ।
रोगियों की जीवन शैली में बदलाव होने जरुरी है। इसमें एक संतुलित आहार और नियमित व्यायाम शामिल हैं।
ठीक होने में कितना समय लगता है
एसिडिटी का उपचार शेख पाचन चूर्ण के द्वारा किया जाता है। जिसके कुछ निर्धारित दिशा निर्देश हैं।
इसके लिये उपरोक्त दिये परहेज अति आवश्यक है। इनके बिना ईलाज कराने का कोई फायदा नहीं है।
अगर आप सुबह व शाम खाने के बाद एक चम्मच शेख पाचन चूर्ण को दुध में मिला कर लेते हैं तो सामान्य परिस्थितियों में 10 दिन के अन्दर आपको फायदा दिखने लगेगा और 2 महीने में आपको आराम हो जायेगा।
ईलाज की कीमत क्या है
शेख पाचन चूर्ण एसिडिटी का अचूक ईलाज हैं। इन्हें विश्व प्रसिद्व डा0 शेख ने अपने 40 साल के सफल ईलाजों के अनुभव से बनाया है। एक शेख पाचन चूर्ण की कीमत 1200 रुपये है। जोकि 30 दिन की खुराक है।
क्या उपचार के परिणाम स्थायी है
आयुर्वेद का प्रथम लक्ष्य बीमारी को जड से खत्म करना होता है। यह एलोपैथी की तरह एक दो दिन में आराम नही करता आयुर्वेद के ईलाज में समय लगता है पर ये समस्या की जड तक पहँच कर उसका स्थाई समाधान करता है। इसी प्रकार से शेख पाचन चूर्ण के परिणाम स्थाई हैं।
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