जोडो के दर्द का आयुर्वेदिक ईलाज

शरीर में वैसे तो हर हिस्सा महत्वपूर्ण होता है इसलिये किसी भी अंग के प्रति लापरवाही करना ठीक नहीं पर कुछ ऐसे अंग है जिनमें अगर कमी आई तो न केवल उतने हिस्से में बल्कि पूरे बदन और आपकी सुबह व शाम बिगाडने पर उतारु हो जाते है जैसे जाॅइट पेन की ही बात कर लीजिये । शरीर के ऐसे हिस्से जहाँ हड्डियाँ मिलती हो, उसे जोड कहते है र्जैसे घुटने, कंधे, कोहनी आदि। इन्ही जोडो में कठोरता सूजन किसी तरह की तकलीफ जो दर्द का कारण बने, जाॅइंट पेन या जोडो मे दर्द कहलाती है। जोड शरीर का अहम हिस्सा होते है जिसके कारण उठना बैठना, चलना, शरीर को मोडना आदि मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जोडो मे दर्द होने पर पूरे शरीर का स्वास्थ्य प्रभावित होता है, और दर्द के साथ मानसिक रुप से थका हुआ महसूस करवाता है। आईये जानते है कि जांइट पेन के लक्षण क्या है:-

जोडो मे दर्द के लक्षण:

जोडो को मोडने मे परेशानी होना
जोडो का लाल होना
जोडो मे खिचाव महसूस होना
जोडो पर कठोरता होना
चलने फिरने मे दिक्कत होना
जोडो में अकडन होना
जोडो में सूजन व दर्द होना
जोडो में कमजोरी होना जांइट पेन की अहम वजह है।

बढती उम्र के साथ ही होने वाली कुछ तकलीफें जोडो मे दर्द के मुख्य कारण होते है जैसे की:

हड्डियों में रक्त की आपूर्ति में रुकावट आना
रक्त का कैंसर होना
हड्डियों में मिनरल यानि की खनिज की कमी होना ।
जोडो पर बहुत ज्यादा दबाब होना।
जोडो में इफेक्शन होना।
हड्डियों का टूटना।
मोच आना या चोट लगना।
हड्डियों में टयूमर आदि की शिकायत होना ।
अर्थराईटिस
बरसाईटिस
आसटयिोकोडराटिस
कारटलोज का फटना
कारटलोज का घिस जाना

दोस्तो हमने जोडों के दर्द (जाइंट पेन) होने के कारण और लक्षण जान लिये है । अब बारी है इससे राहत पाने के उपाय जानने की पर इसके पहले हम आपको बता दें की जांइट पेन की समस्या काफी तादाद में लोगों में पाइ्र्र जाती है और इसके लिये डाक्टर और अस्पताल के चक्कर लगाने से ज्यादा फायदेमंद होगा। अगर हम अपनी कुछ गलत आदतों में बदलाव लायें और कुछ सावधानियाँ बरतें

जोडो के दर्द का आयुर्वेदिक ईलाज कैसे किया जाता हैं?

प्राकृति में अनेको ऐसी जडी बूटियाँ हैं जोकि जोडो के दर्द की समस्या को खत्म करने में सक्षम है जैसे कि महायोगराज गुग्गल, महारसनादी गुग्गल, सुरंजान, अश्वगंधा, गाजर बीज, मैथी, हल्दी । संधिवात पाऊडर इन्ही जडी बुटियों का अदभूत संगम है। इसके सेवन के 7 दिन के अंतराल में ही जोडो के दर्द में आराम होना शुरु हो जाता है और 2 महीने मे समस्या जड से खत्म हों जाती है।

क्या कोई भी दुष्प्रभाव है?

जोडो के दर्द के लिये आयुर्वेदिक उपचार सभी उपचारो में सबसे बेहतर है।
आयुर्वेदिक ईलाज प्राकृतिक जडी बूटियों द्वारा किया जाता है और यह सर्व मान्य है कि आयुर्वेदा के दुष्परिणाम नहीं है।

उपचार के दिशा निर्देश क्या है?

उपचार के साथ कुछ परहेज भी अति आवश्यक हैं
1. ठंडी व बासी भोजन न करें।
2. खटटे फलो व भोजन का परहेज करें।
3. ध्रुमपान, शराब एवं किसी भी नशीले प्रदार्थ का सेवन न करें।
4. ज्यादा वजनदार व भारी वस्तुओं को उठाने का प्रयास न करे।
रोगियों की जीवन शैली में बदलाव होने जरुरी है। इसमें एक संतुलित आहार और नियमित व्यायाम शामिल हैं।

ठीक होने में कितना समय लगता है।

जोडो के दर्द का उपचार संधिवात पाऊडर से किया जाता है ।
इसके लिये उपरोक्त दिये परहेज अति आवश्यक है। इनके बिना ईलाज कराने का कोई फायदा नहीं है।
अगर आप सुबह व शाम खाना खाने के बाद 5 ग्राम पाऊडर गर्म पानी के साथ ले 7 दिन में ही फर्क दिख जायेगा 2 महीने का कोर्स करने पर सामान्य परिस्थितियों में समस्या जड से खत्म हो जाती है।

ईलाज की कीमत क्या है।

संधिवात पाऊडर जोडों के दर्द के लिये अचूक पाऊडर है । यह डा0 शेख के 40 साल के सफल अनुभव का निचोड है। संधिवात पाऊडर की कीमत 1200 रुपये है। जोकि 30 दिन की खुराक है।

क्या उपचार के परिणाम स्थायी है

संधिवात पाऊडर का लक्ष्य बीमारी को जड से खत्म करना होता है। यह एलोपैथीक दवाईयों की तरह एक दो दिन में आराम नही करता आयुर्वेद के ईलाज में समय लगता है पर ये समस्या की जड तक पहँच कर उसका स्थाई समाधान करता है।

उम्मीद करते हैं कि आप हमारी बात समझ पायें होगें अगर अभी भी कोई शंका हैं तों
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