नसे की लत क्या है।
अल्कोहल एक प्रकार का तरल है जो पीने मे स्वभाव में नषे की लत है। आल्कोहल की खपत के प्रभाव न केवल षारीरिक स्वास्थ तक ही सीमित है बल्कि यह किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिरता को भी प्रभावित करता है । यदि कोई व्यक्ति भारी षराब का सेवन करता है है तो उसे गंभीर समस्याएं हो सकतेी है जब वह उसे लेना बंद कर देता है। इसे अल्कोहल विथड्रावल कहा जाता है। दूसरे षब्दों में, यदि कोई व्यक्ति महीनो या हफ्तो के लिये अल्कोहल पीता है तो वह गंभीर समास्याओं का सामना कर सकता है जब वह खपत के स्तर को रोकता है या कटौती करता है। लक्षण सभी व्यक्तियों पर अलग हैं। लेकिन एक षराब पीने वाला व्यक्ति जो कम पीता है, खपत को रोकने के दौरान साइड इफेक्ट का अनुभव करने की संभावना कम होती है।

नसे की लत मुख्य रुप से व्यस्को में होती है। इसके अलावा बच्चों पर भी प्रभाव पडता है। जितना अधिक आप नियमित रुप से पीते है, उतना ही अल्कोहल विथड्रावल के लक्षण होने के अवसर आपके लिए अधिक होते है। मैसाचुसेटस मेडिकल सोसाइटी के अध्ययन के अनुसार, अल्कोहल के उपयोग वाले विकार लगभग 50ः व्यक्तियों में अल्कोहल विथड्रावल के लक्षण होते है जब वे अपनी खपत कम करते है या बंद कर देते है। अगर ईलाज को ठीक नही किया जाता है तो अल्कोहल विथड्रावल मौत का कारण भी बन सकती है।

नसे की लत के कारण ?
नियमित अल्कोहल उपभोक्ता की सेट्रल नर्वस सिस्टम, अल्कोहल लेने के लिए समायेजित होता है क्योंकि जैसे जैसे समय गुजरता है, मस्तिक और षरीर जागने की नसो को सक्रिय रखने के लिये कडी मेहनत करता है।
जब खपत का स्तर अस्वीकार कर दिया जाता है, तो मस्तिक उस अपस्टेट में रहता है जो विथड्रावल का कारण बनता है।

नसे की लत  के कुछ कारण हैः-
एक्ससीव ड्रिकींग: भारी मात्रा मे आल्कोहल पीना अल्कोहल विड्राल सिड्रोम के लिए मार्ग प्रसस्त करता है क्योंकि पीने का रोकथाम डिसआर्डर का मुख्य कारण है।
सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम का कोलपॅस:- जब कोई व्यक्ति षराब पीता है, तो उसकी नर्वस सिस्टम और मस्तिश्क इसके अनुकुल हो जाता है और कडी मेहनत करता है। जब खपत कम हो जाती है नर्वस सिस्टम और मस्तिश्क कडी मेहनत के उपरी हिस्से में रहते हे जो अल्कोहल विड्राल सिड्रोम की और जाता है।
एक्सीटमेंट एंड इररटिषन:– ज्यादा पीना आपको उत्तेजित करता है और आपके नर्वस सिस्टम को परेषान करता है, जो अल्कोहल विड्रोल सिड्रोम की और जाता है

नसे की लत के क्या लक्षण है
अध्ययन के अनुसार अंतिम पेय के बाद विथड्रावल 6 से 24 धंटे में षुरु होती है। अल्कोहल विथड्रावल की गंभीरता व्यक्ति से अलग होती है। अल्कोहल विथड्रावल के मुख्य लक्षण इस प्रकार है।

हाई ब्लड प्रेषर:- बहुत ज्यादा पीने से मस्तिश्क और नर्वस सिस्टम को कडी मेहनत करनी पडती है और विथड्रावल रक्त कोषिकाओं में दबाब पैदा करती है जो हाई ब्लड प्रैषर पैदा करती है।
उल्टी औा सिरदर्द:- आत्यधिक अल्कोिहल पीने वाला जब अल्कोहल की खपत को एक दम से कम कर देते है जो उल्टी और सिरदर्द का अनुभव करते है।
इसोमनिया:- इंसोमनिया प्रयाप्त नींद नही पाने की स्थिति है।यह एक ऐसे व्यक्ति द्वारा अनुभव किया जाता है जो अल्कोहल विथड्रावल सिड्रोम से प्रभवित होता है।

नसे की लत का उपचार
नसे की लत से प्रभावित व्यक्ति को विषेश तरीके से देखभाल करने की आवयष्कता होती है क्योकि उसे षरीर की स्थिति में गभीर परिवर्तन होता है। यदि आप चाहते है कि आपके स्वास्थ की की स्थिति स्वास्थ रहे तो आपको अल्कोहल विथड्रावल सिड्रोम को दूर रखने के लिए एक सहायक वातावरण कर आवष्यकता है

जिसमें निम्न षामिल हैः-
1. अच्छी और एक षांत जगह
2. उपचार अवधि में लोगो के साथ संपर्क सीमित होना चाहिए
3. एक सुपरोटिव और पाजिटिव एनवायरमेंट
4. प्रर्याप्त तरल प्रदार्थ के साथ स्वास्थ भोजन
5. फरदर डिंककिगं की प्रिवेषन भी महत्वपूर्ण है।
6. स्वास्थ वातावरण के अलावा, कुछ चिकित्सा संसाधन है जिसकी अलकोहल विथड्रावल से प्रभावित व्यक्ति की जरुरत है वो

नसे की लत का आयुर्वेदिक ईलाज कैसे किया जाता हैं?
नसे की लत की समस्या का ईलाज डा0 षेख द्वारा स्वयं किया जाता है उनकी बनायी हुई दवा में जडी बुटियों का अदभूत संगम है। इसके सेवन के 7 दिन के अंतराल में ही अल्कोहल विथड्रावल में आराम होना षुरु हो जाता है और 2 महीने मे समस्या जड से खत्म हों जाती है।

क्या कोई भी दुश्प्रभाव है?
नसे की लत के लिये आयुर्वेदिक उपचार सभी उपचारो में सबसे बेहतर है। आयुर्वेदिक ईलाज प्राकृतिक जडी बूटियों द्वारा किया जाता है और यह सर्व मान्य है कि आयुर्वेदा के दुश्परिणाम नहीं है।

उपचार के दिषा निर्देष क्या है?
उपचार के साथ कुछ परहेज भी अति आवष्यक हैं
1. आत्यधिक गर्म चीजों का सेवन न करें।
2. हरी सब्जियाँ व फलो व भोजन का नियमित सेवन करें।
3. गलत संगत व षराबी दोस्तो का साथ छोड दें।
4. माँसाहार का सेवन न करें । ज्यादा से ज्यादा दुध व दही का सेवन करें।
रोगियों की जीवन षैली में बदलाव होने जरुरी है। इसमें एक संतुलित आहार और नियमित व्यायाम षामिल हैं।

ठीक होने में कितना समय लगता है।

अल्कोहल विथड्रावल का उपचार आयुवेर्दिक पद्वति से किया जाता है ।
इसके लिये उपरोक्त दिये परहेज अति आवष्यक है। इनके बिना ईलाज कराने का कोई फायदा नहीं है।
अगर आप सुबह व षाम खाना खाने के बाद पानी के साथ ले 7 दिन में ही फर्क दिख जायेगा 2 महीने का कोर्स करने पर सामान्य परिस्थितियों में समस्या जड से खत्म हो जाती है।

ईलाज की कीमत क्या है।
अल्कोहल विथड्रावल के लिये रामबाण औशधि हैं। यह डा0 षेख के 40 साल के सफल अनुभव का निचोड है। इसकी कीमत 2500 रुपये है। जोकि 30 दिन की खुराक है।

क्या उपचार के परिणाम स्थायी है
लक्ष्य बीमारी को जड से खत्म करना होता है। यह एलोपैथीक दवाईयों की तरह एक दो दिन में आराम नही करता आयुर्वेद के ईलाज में समय लगता है पर ये समस्या की जड तक पहँच कर उसका स्थाई समाधान करता है।

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