मधुमेह के प्रारभिक लक्षण, विषेश रुप से टाईप 2 मधुमेह, सुक्षम या हानिरहित हो सकते है। वास्तव मे, कुछ लोगों को पता ही नही चलता कि उन्हे मधुमेह है, जब तक उन्हे रोग की वजह से दीर्घकालिक क्षति से समस्या न हो। टाईप 1 मधुमेह के लक्षण आमतौर पर दिनो या कुछ हफ्तों के मामलो मे जल्दी से देखा जाता है। वे बहुत ही गंभीर है।
डायबिटिज के लक्षण:-
आप कैसे बता सकते है कि आपको मधुमेह है? पता करने का सबसे अच्छा तरीका रक्त परीक्षण है। लेकिन यदि आप निम्न मधुमेह के लक्षणो मे से किसी का सामना कर रहे है तो अपने डाक्टर से मिलिये
1. लगातार पेशाब आना
जब आपको मधुमेह होता है तो आपका शरीर चीनी में भोजन को तोडने मे कम कुशल होता है। आमतौर पर आपका शरीर ग्लूकोज को पुनः अपशोषित करता है जब यह आपके गंुर्दे से गुजरता है। जब आपको मधुमेह होता है, तो अतिरिक्त शुगर (ग्लूकेाज) आपके खुन मे बढ जाता है। आपके गुर्दे को अतिरिक्त चीनी को फिल्टर और अवशोषित करने के लिये अतिरिक्त काम करने लिये मजबूर किया जाता है। अतिरिक्त चीनी जो कि आपके गुर्दे अवशोषित नही कर सकते, आपके मुत्र में उत्सर्जित होते है। यह आपको अधिक पेशाब करने का कारण बनता है, खासकर रात में ।
2. अधिक प्यास:
जैसा की उपर बताया गया है जब आपको मधूमेह होता है तो आपके गुर्दे को अतिरिक्त चीनी अवशोषित करना पडता है। जिसके लिए बहुत सारे तरल प्रदार्थ की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको अधिक प्यास लगती है।
3. वजन घटनाः
जब आप अक्सर मुत्र के माध्यम से चीनी खो देते है, तो आप कैलोरी भी खो देते है। इसके अलावा, मधुमेह आपके भोजन से चीनी को आपके कोशिकाओं तक पहुँचने से रोक सकता है।
4. अतिरिक्त भूख लगना:
भूख की अत्याधिक पीडा, मधुमेह का एक और लक्षण, रक्त शर्करा के स्तर मे तेज उतार-चढाव से आ सकता है। जब रक्त में शर्करा का स्तर घटता है, तो शरीर यह सोचता है इसे खा लिया नही गया है और अधिक ग्लूकोज की आवश्यकता होती है, जो कोशिकाओं को कार्य करने के लिये आवश्यक होती है।
5 थकान:
बेशक आप ज्यादातर समय थका महसूस करते है, क्योकि जो भोजन आप उर्जा के लिए खा रहे है वह कोशिकाओ द्वारा प्रयोग नही किया जा रहा है। इसके अलावा निर्जलीकरण भी आपके थकान को बढाता है।
6. धुंधली दुष्टि:
विकृत दुष्टि और रोशनी की कभी कभी चमक देखना, उच्च रक्त शर्करा के स्तर का प्रत्यक्ष प्रमाण होता है। आपके शरीर का द्रव का स्तर बदलना आपकी द ृष्टि मे लैंस का सूजा सकता है। इसके अलावा, जब रक्त में ग्लूकोज उच्च होेता है, यह लेस और आकार में परिवर्तन करता है। यह सब लेंस की अपनी क्षमता खोने का और ठीक से काम न करने कारण बनता है।
7. कटौती और घावों का धीमी गति से उपचार:
कटौती और घाव का जल्दी से ठीक न होना, मधुमेह का एक और उत्कृष संकेत है। प्रतिरक्षा प्रणाली और प्रक्रिया जो शरीर का स्वस्थ करने मे मदद करती है, बहुत अच्छी तरह काम नही करती है, जब आपके शर्करा का स्तर उच्च होता है।
8. खमीर संक्रमण:
चूंकि मधुमेह आपके षरीर की प्रतिरक्षा को नीचे लाती है, संक्रमण और रोग अधिक होने की संभावना है। खमीर का आहार ग्लूकोस है और शरीर में बहुत अधिक होने से यह कामयाब होने लगता है। संक्रमण किसी भी गर्म, त्वचा के नम गुच्छे में बढ सकता है, जिसमें शामिल हैः
– उगलियें और पैरो की उगलियां के बीच
– स्तनों के तहत
– सेक्स के आसपास
महिलाओ का विषेश रुप से यौन क्रीडा संक्रमण से सावधान रहना चाहिए।
9. झुनझुनी की अनुभुति:
आपके रक्त मे अतिरिक्त चीनी से तंत्रिका की क्षति हो सकती है। आप अपने हाथो और पैरो में झ ुनझुनी महसूस कर सकते है, साथ ही साथ अपनी बाँह, हाथो, पैरो और पैरो मे दर्द देख सकते है। आप अपनी बाँहो, हाथो, पैरो मे जलता हुआ दर्द भी महसूस कर सकते है।
10. शुष्क मुँह और खुजली वाली त्वचा:
मधुमेह रोगाणुओं से लडने की आपकी क्षमता को कमजोर कर सकता है, जिससे आपके मसूडो में संक्रमण का खतरा बढ सकता है। आपके मसूडो को अपनो दांतो से दूर खीच सकते है, आपके दाँत ढीले हो सकते है, या आपके मसूडो मे घाव या मवाद विकसीत कर सकते है। इसके अलावा निर्जलीकरण के कारण शुष्क मुँह और खुजली वाली त्वचा सकती है।
मधुमेह का आयुर्वेदिक ईलाज कैसे किया जाता हैं?
प्राकृति में अनेको ऐसी जडी बूटियाँ हैं जोकि मधुमेह की समस्या को खत्म करने में सक्षम है जैसे कि त्रिवांग भस्म, जामुन गुठली, बंसत कुसुमाकर रस, वंश लोचन, कुटकी, शिलाजीत, गुडमार बुटी, करेला आदि डाईबा क्योर पाऊडर इन्ही जडी बुटियों का अदभूत संगम है। इसके सेवन के 7 दिन के अंतराल में ही मधुमेह होना बंद हो जाता है।
क्या कोई भी दुष्प्रभाव है?
मधुमेह के लिये उपचार दो तरह के हैं एलोपैथिक और आयुर्वेदिक।
एलोपैथिक उपचार के दुष्प्रभाव हो सकते है जैसे की मौखिक दवा से शारीरिक व मानसिक कमजोरी, सप्त धातु क्षीणता, मधुमेह (खून व पेशाब की शुगर) हाथ पैरो की जलन, जख्म का ना भरना, सुन्न होना आदि की समस्याओं में परिवर्तन हो सकता है।
आयुर्वेदिक ईलाज प्राकृतिक जडी बूटियों द्वारा किया जाता है और यह सर्व मान्य है कि आयुर्वेदा के दुष्परिणाम नहीं है।
उपचार के दिशा निर्देश क्या है?
उपचार के साथ कुछ परहेज भी अति आवश्यक हैं
1. तला व आपच्य भोजन न करें।
2. खटटे फलो व भोजन का परहेज करें।
3. ध्रुमपान, शराब एवं किसी भी नशीले प्रदार्थ का सेवन न करें।
4. आत्याधिक मीठे का सेवन न करें ।
रोगियों की जीवन शैली में बदलाव होने जरुरी है। इसमें एक संतुलित आहार और नियमित व्यायाम शामिल हैं।
ठीक होने में कितना समय लगता है
मधुमेह का उपचार डाईबा क्योर पाऊडर से किया जाता है ।
इसके लिये उपरोक्त दिये परहेज अति आवष्यक है। इनके बिना ईलाज कराने का कोई फायदा नहीं है।
अगर आप सुबह खाली पेट 5 से 10 ग्राम पानी के साथ व शाम खाना खाने के बाद एक चम्मच पानी के साथ ले 7 दिन में ही फर्क दिख जायेगा 2 महीने का कोर्स करने पर सामान्य परिस्थितियों में समस्या जड से खत्म हो जाती है।
ईलाज की कीमत क्या है
डाईबा क्योर पाऊडर मधुमेह का रामबाण ईलाज हैं। यह डा0 शेख के 40 साल के सफल अनुभव का निचोड है। डाईबा क्योर पाऊडर की कीमत 1200 रुपये है। जोकि 30 दिन की खुराक है।
क्या उपचार के परिणाम स्थायी है
डाईबा क्योर पाऊडर का लक्ष्य बीमारी को जड से खत्म करना होता है। यह एलोपैथीक दवाईयों की तरह एक दो दिन में आराम नही करता आयुर्वेद के ईलाज में समय लगता है पर ये समस्या की जड तक पहँच कर उसका स्थाई समाधान करता है।
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