बवासीर के घरेलू इलाज | Bawasir ke gharelu ilaj

बवासीर के घरेलू उपचार

पाइल्स दर्दनाक होने के अलावा शर्मनाक भी होती है। लोग आमतौर पर पाइल्स होने के बाद भी दूसरो को बताने में शर्म महसूस करते हैं। लेकिन बवासीर उन बिमारियों में से नहीं है, जो अपने आप ठीक हो जाएं बल्कि इसके विपरीत ये और भी बदतर भी हो जाती है। तो जितनी जल्दी हो सके इसका इलाज करना जरुरी है। बवासीर से पीडित रोगियों को तेजी से, बेहतर और प्रभावी परिणामों के लिए घरेलू उपचार का पालन करना चाहिए ।

Bawair Ka Ilaj

इसके कई आसान घरेलू इलाज है। आइये जानते है बवासीर के घरेलू उपचार के बारे में ।

बवासीर का घरेलू इलाज 

छाछ – छाछ ही सबसे अच्छा उपाय है एक चुटकी नमक और एक चैथाई चम्मच अजवाइन को एक गिलास छाछ में मिलाएं। इसे रोजाना पिएं और अपने बवासीर को प्रभावी रुप से खत्म करें।

मूली– बवासीर के लिए सबसे प्रभावी गृह उपचारों में से एक है और बवासीर के इलाज में व्यापक रुप से उपयोग किया जाता है। आधा गिलास मूली के रस में एक चुटकी नमक डाले इसे दिन में दो बार पिएं। इसके अलावा शहद के साथ ही इसके पेस्ट को मिक्स करके दर्द और सूजन को कम करने के लिए गुदा खोलने के आसपास लगाएं।

काला जीरा – काला जीरा बवासीर के लिए फायदेमंद होता है और इसे व्यापक रुप से भारत में भी इस्तेमाल किया जाता है। जीरा पाउडर और पानी से गाढा पेस्ट बनाएं और 15 मिनट के लिए सूजन वाली जगह पर लगाएं। यह उपाय बवासीर के लक्षणों को कम करने में बहुत प्रभावी है।

लहसून – आपके दर्दनाक बवासीर के लिए आदर्श समाधान है। इसमें उत्कृष्ट सूजन को कम करने वाले, विरोधी बैक्टीरियल और कसैले गुण होते है। यह दर्द और सूजन को राहत देता है और शौच की प्रक्रिया को आसान बनाता है। आप रोज कच्चे लहसून को खा सकतेे है या सापोसिटरी के रुप में इस्तेेमाल कर सकते है। इससे रोगाणु नष्ट हो जाते है।

पपीता – पपीता विटामिन और खनिज का एक समृद्व स्त्रोत है और इसमें एक शक्तिशाली पाचन एंजाइम पपैन होता है जो कब्ज और रक्त स्त्राव बवासीर का इलाज करने के लिए एक शक्तिशाली फल माना जाता है। आप अपने नाश्ते में इसे खा सकते है या आंत्र आंदोलन को कम करने के लिए गुदा क्षेत्र पर इसके रस को लगा सकते है। आप अपने सलाद में कच्चा पपीता भी शामिल कर सकते है।

बादाम – बादाम भी आहार फाइबर का स्त्रोत है और आँतों के कार्य में मदद करता है। रोज सुबह तीन बादाम खाने से बवासीर का अच्छा इलाज होता है। बेहतर और प्रभावी परिणाम के लिए बादाम को ठीक से कम से कम 50 गुणा चबाएं। आप सूजन और खुजली को दूर करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर बादाम का तेल भी लगा सकते है। बादाम का तेल त्वचा को शांत करता है और बाहरी बवासीर के लिए अच्छा उपाय है।

ईसबगोल – सभी बवासीर रोगियों के लिए ईसबगोल रामबाण इलाज है जो एक घुलनशील आहार फाइबर का समृद्व स्त्रोत है। गर्म पानी या दूध के एक गिलास में ईसबगोल भूसी का एक चम्मच मिलाएं और सोते समय रोजाना इसे पिएं। यह शौच की प्रक्रिया को कम करता है और मल को निकालते समय दर्द को कम करता है।

आम के बीज – खून आने वाली और आंतरिक बवासीर के लिए, आम के बीज सबसे प्रभावी घरेलू उपाय है इसके बीज दर्द, सूजन, खुजली और उत्तेजना से राहत में मदद करते है। दो बार शहद के साथ आम के बीज के पाउडर को मिलाकर बवासीर से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

सूखे अंजीर – बवासीर के लिए अंजीर एक और प्रभावी उपाय है। बस कुछ सूखे अंजीर को रात भर पानी में भिगोकर रखें और उन्हें अगली सुबह खा लें। बवासीर से छुटकारा पाने के लिए 2-3 सप्ताह के लिए इस प्रक्रिया को दोहाराएं।

अरंडी का तेल – अरंडी का तेल मल को नर्म करने में मदद करता है और इसीलिए यह मल के उन्मूलन को तुलानात्मक रुप से आसान बनाता है। सुबह में दर्द को कम करने के लिए हर रात दूध के साथ अरंडी के तेल का एक चम्मच लें। यह गुदा क्षेत्र में नसों पर दबाव को कम करता है और दर्द से राहत देता है।

बर्फ – 10 मिनट के लिए सूजन वाले क्षेत्र पर बर्फ को रगडने से दर्द, खुजली और सूजन से त्वरित राहत मिलती है। यह उस क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को सुन्न और धीमा कर देता है और कई मिनटो तक राहत देता है।

हरीतकी – हरीतकी दोनों सूूखी और खूनी बवासीर के लिए एक उत्कष्ट जडी बूटी है। यह पाचन तंत्र को उत्तेजीत करती है, कब्ज को आसान बनाती है और इसलिए यह दर्द और सूजन को कम कर देता है और शौच की प्रक्रिया के दौरान रक्त स्त्राव पर रोक लगाता है। हरीतकी पाउडर का एक चम्मच रोजाना तीन बार दिन में दूध के साथ लिया जा सकता है। आप बाथटब में दो चम्मच हरीतकी पाउडर भी डाल सकते है और दर्द और सूजन को दूर करने के लिए सिस्टज बाथ ले सकते है।

जिमीकंद – जिमीकंद बवासीर के लिए एक और शक्तिशाली आयुर्वेदिक जडी बूटी है और इसे बवासीर के दुश्मन के रुप में जाना जाता है। यह पाचन प्रक्रिया में सुधार और कब्ज से मुक्त करता है। इसका गुदा क्षेत्र पर सुखदायक और कसैला प्रभाव पडता है। 5 ग्राम जिमीकंद पाउडर को बवासीर के ईलाज के लिए कुछ दिन तक छाछ के साथ दैनिक रुप से लिया जा सकता है।

बेलफल – सूजन को कम करने, कब्ज का इलाज करने और पाचन तंत्र का स्वस्थ रखने में बेल फल की प्रभावशीलता इसे बवासीर के लिए एक आदर्श हर्बल उपाय बनाती है। यह टेनिन का एक अच्छा भंडार है जो पाचन तंत्र में हानिकारक आक्रमणकारियों को मारने के लिए सक्रिय कार्यो के लिए जाना जाता है। यह एक अच्छे रेवक के रुप में भी काम करता है और बिना ज्यादा दर्द के मल को निकालने में मदद करता है । रोजाना बेल को पीना बवासीर के लिए एक सिद्व उपाय है।

सनाय चाय – सनाय की जडी बूटी अपने रेचक गुणो के लिए अच्छी तरह से जानी जाती है। यह बवासीर के पीछे के मुख्य कारण कब्ज का इलाज करती है। सनाय में सक्रिय तत्व होते है जो पाचन तंत्र को शुद्व करने और उत्तेजक करने में मदद करते है। यह कम दर्द के साथ दस्त को भी साफ करते है। 2 सप्ताह के लिए दैनिक रुप से इसकी चाय पियें और 2 सप्ताह से अधिक समय तक इसका सेवन ना करें।

तेल के बीज – आयुर्वेद तिल के बीज को बवासीर के लिए अच्छा इलाज समझता है यह पाचन प्रक्रिया को सुधारता है और दस्त को नर्म बनाकर कोलन सफाई प्रक्रिया को कम दर्दनाक बनाता है। यह सूजन और दर्द को कम कर देता है और गुदा क्षेत्र में जलन ओर खुजली की उत्तेजना को कम करता है। तिल के बीज को पानी में उबाल लें और फिर इसका बारीक पेस्ट बनाएं। उसमें मक्खन की एक छोटी सी मात्रा मिक्स करें और इसका सेवन करें।

हार्स चेस्टनट – हार्स चेस्टनट भारत में हिमालय क्षेत्र में पाए जाते है और पारंपरिक रुप से सूजन हुई नसों के उपचार में उपयोग किया जाता है । बवासीर को भी गुदा और आस पास सूजन वाली नसों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है और इसीलिए बवासीर के लिए एक सही जडी बूटी है। इसमें एसेसीन नामक एक शक्तिशाली एंजाइम होता है जो इसके सूजन को कम करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। यह सूजी हुई रक्त वाहिकाओं को शांत करता है और उन्हें स्वस्थ हालत में रखता है। इसका छोटी मात्रा में ही सेवन करे क्योंकि यह प्रकृति में विषाक्त होता है।

एलोवेरा रस – एलोवेरा आंतरिक और बाहरी बवासीर के लिए शक्तिशाली जडी बूटी है। इसकी मजबूत सूजन को कम करने वाले और कसैले गुण गुदा क्षेत्र में दर्द, सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं यह एक अच्छा रेचक भी है और इसीलिए कब्ज में और आंतों के कार्यो को आसान बनाने में बहुत सहायता करता है। सिर्फ आधे एलोवेरा के रस को दिन में तीन बार ले और दर्दनाक बवासीर से छुटकारा पाएँ।

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